Agra News: निर्वाचन कार्यालय ने नाम से हटा दिया 'राम', 97 बार चुनाव लड़ चुके हसनूराम ने लड़ी लंबी लड़ाई
Agra News आगरा के पास खेरागढ़ के मूल हसनूराम अम्बेडकरी इस साल नगर निगम में चुनाव में भी मैदान में उतरने को हैं तैयार। ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ चुके हैं। 77 साल की उम्र में जज्बा है बरकरार।
आगरा/खेरागढ़, धर्मेंद्र शर्मा। अलग ही जज्बा है। अब तक 97 बार अलग अलग चुनाव लड़ चुके हैं, ये बात भी महत्वपूर्ण है कि जीते अब तक एक भी चुनाव नहीं हैं। आगरा के पास खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला दूल्हे खां निवासी अम्बेडकरी हसनुराम अम्बेडकरी आगरा जिले में जाना पहचाना नाम है। 77 साल के अम्बेडकरी अब तक 97 बार अलग अलग पद के लिये चुनाव लड़ चुके हैं। ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ चुके अम्बेडकरी अब नगर निगम के चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं।
1989 से 1991 तक हाईकोर्ट के काटे चक्कर
अम्बेडकरी का पूरा नाम अम्बेडकरी हसनुराम अम्बेडकरी है, 1989 में निर्वाचन कार्यालय से उनके नाम से राम हटा दिया गया था। तत्कालीन एसडीएम और डीएम ने नाम में अक्षराें की संख्या अधिक होने का हवाला देते हुए राम नही जोड़ा तो अम्बेडकरी विचलित हो गये और हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी। तीन साल तक प्रयागराज के चक्कर काटते रहे और आखिर निर्वाचन आयोग को उनके नाम में राम जोड़ना ही पड़ा। अम्बेडकरी ने बताया कि मुझे मेरा नाम माता पिता ने दिया है, इसे कोई नहीं बदल सकता है। स्कूल में अध्यापक ने भी नाम में खां जोड़ दिया था और फिर जब आपत्ति जतायी गयी तो खां को राम में परिवर्तित कराया था।
साइकिल से तय किया 97 बार चुनाव का सफर
अम्बेडकरी ने चुनावी लड़ाई साइकिल से ही तय की है। चुनाव का पर्चा भरने से लेकर प्रचार आदि सभी काम अपनी साइकिल से ही करते हैं। अब परिवार आगरा रहता है लेकिन अब भी साइकिल से ही आगरा से खेरागढ़ का सफर कर अपने काम पूरे करने का जुनून है।